नास्तिकता बनाम् आस्तिकता
हमारे देश व समाज में कुछ बन्धु स्वयं को नास्तिक कहते हैं। उनसे पूछिये कि नास्तिक का क्या अर्थ होता
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Read Moreसमस्त वैदिक साहित्य में मनुस्मृति का प्रमुख स्थान है। जैसा कि नाम है मनुस्मृति मनु नाम से विख्यात महर्षि मनु
Read Moreसभी प्राणियों को ईश्वर ने बनाया है। ईश्वर सत्य, चेतन, निराकार, सर्वव्यापक, सर्वान्तरयामी, सर्वातिसूक्ष्म, नित्य, अनादि, अजन्मा, अमर, सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान
Read Moreबच्चा जब संसार में जन्म लेता है तो वह न तो अपनी भावना को बोल कर कह सकता है और
Read Moreजब हम किसी उद्देश्य से एक स्थान से अन्य दूरस्थ स्थान पर जाते हैं तो घर से निकल कर घर
Read Moreआईये, पौर्वीय एवं पाश्चात्य वेदों के भाष्यकारों पर दृष्टि डालते हैं। महाभारत काल के बाद से अब तक लगभग 5,115
Read Moreहम संसार में देख रहे हैं कि अनेक मत-मतान्तर हैं। सभी के अपने-अपने इष्ट देव हैं। कोई उसे ईश्वर के
Read More‘श्रुति-मन्थन’ लगभग 750 पृष्ठों का भव्य ग्रन्थ है जिसमें जीवन को सन्मार्ग पर प्रेरित करने व उसे सफल बनाने संबंधी
Read Moreईश्वर का अवतार होता है या नहीं? विचारणीय प्रश्न है। हमारे पौराणिक बन्धु जो स्वयं को सनातन धर्मी कहते हैं,
Read Moreसूरत मनुष्य की आकृति को कहते हैं। भारत की जनसंख्या लगभग 125 करोड़ और सारे संसार की लगभग 7 अरब
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