उपासना, उपासना की आवश्यकता एवं उपासना से लाभ
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। यह अकेला रहकर अपना जीवन व्यतीत नहीं कर सकता। इसे सज्जन पुरुषों की संगति तो
Read Moreमनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। यह अकेला रहकर अपना जीवन व्यतीत नहीं कर सकता। इसे सज्जन पुरुषों की संगति तो
Read Moreमनुष्य मननशील प्राणी है। वह सभी विषयों पर विचार करता है और उन पर अपनी स्वतन्त्र सम्मति वा राय रखता
Read Moreमनुष्य की आत्मा अनादि, नित्य, अजर, अमर, सूक्ष्म, ससीम, जन्म-मरणधर्मा, कर्म के बन्धनो में बंधी हुई, वेद ज्ञान प्राप्त कर
Read Moreप्रत्येक वर्ष भारत व देशान्तरों में जहां भारतीय रहते हैं, आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी को दशहरा पर्व मनाते हैं।
Read Moreओ३म् स्वतन्त्रता आन्दोलन के इतिहास में भाई परमानन्द जी का त्याग, बलिदान व योगदान अविस्मरणीय है। लाहौर षड्यन्त्र केस में
Read Moreओ३म् महाभारत काल के बाद देश में अज्ञानता के कारण अन्धविश्वास व कुरीतियां उत्पन्न होने के कारण देश निर्बल हुआ
Read Moreओ३म् हमारा यह संसार अर्थात् हमारी पृथिवी, सूर्य, चन्द्र आदि सब ग्रह-उपग्रह प्रकृति नामक अनादि सत्ता से बने हैं। प्रकृति
Read Moreओ३म् मनुष्य को अपना जीवन जीनें के लिए धन की आवश्यकता होती है। भूमिधर किसान तो अपने खेतों में अन्न
Read Moreओ३म् हम संसार में जन्म लेकर आंखों से अपने सम्मुख विचित्र संसार को देखते हैं तो इसकी सुन्दरता एवं विविध
Read Moreओ३म् हम वर्तमान में मनुष्य हैं। हम इससे पहले क्या थे और परजन्म में क्या होंगे, हममें से किसी को
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