हम वस्तुतः कौन हैं, क्या शरीर हैं अथवा आत्मा हैं?
ओ३म् हम अपने नाम, माता-पिता तथा आचार्य आदि के नामों व सम्बन्धों से जाने पहचाने जाते हैं। हमें स्कूलों में
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Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द (1825-1883) के समय में सृष्टि के आदिकाल से आविर्भूत ज्ञान व विज्ञान पर आधारित सत्य सनातन वैदिक
Read Moreओ३म् प्रायः सभी मत-मतान्तरों में ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार किया गया है परन्तु उनमें से कोई ईश्वर के यथार्थ
Read Moreओ३म् मनुष्य अपने पूर्वजन्म के कर्मों वा प्रारब्ध के अनुसार इस सृष्टि में जन्म लेता है। उसने जो कर्म किये
Read Moreओ३म् वर्तमान संसार अनेक भाषाओं एवं ज्ञान-विज्ञान से युक्त है। इन सब भाषाओं एवं ज्ञान-विज्ञान का विकास कैसे व कब
Read Moreओ३म् आज स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती जी महाराज का पावन बलिदान दिवस है। आज 23 दिसम्बर के दिन ही सन् 1926
Read Moreओ३म् अपनी रक्षा करना प्रत्येक मनुष्य का धर्म व कर्तव्य है। यह रक्षा न केवल शत्रुओं से अपितु आदि-व्याधि वा
Read Moreओ३म् महाभारत युद्ध के बाद देश का सर्वविध पतन व पराभव हुआ। इसका मूल कारण अविद्या था। महाभारत के बाद
Read Moreओ३म् यह निर्विवाद है कि मूल वेद संहितायें ही संसार में सबसे पुरानी पुस्तकें हैं। वेद शब्द का अर्थ ही
Read Moreआर्यसमाज प्रेमनगर, देहरादून का दो दिवसीय वार्षिकोत्सव आज दिनांक 22-12-2019 को सोल्लास आरम्भ हुआ। प्रातः पं0 वेदवसु शास्त्री जी ने
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