वेद मन्त्र साधना पर विचार
ओ३म् वेद ईश्वर प्रदत्त ज्ञान है जो सृष्टि के आरम्भ में ईश्वर ने चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा
Read Moreओ३म् वेद ईश्वर प्रदत्त ज्ञान है जो सृष्टि के आरम्भ में ईश्वर ने चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा
Read Moreओ३म् मध्यकाल में देश में मृतक पूवजों का श्राद्ध करने की अवैदिक परम्परा आरम्भ हुई थी। ऐसा प्रतीत होता है
Read Moreओ३म् ईश्वर सारे संसार वा ब्रह्माण्ड का स्वामी वा ईश्वर है। वह समी जड़ पदार्थों सहित चेतन जीवों का भी
Read Moreओ३म् मनुष्य एवं प्राणी जगत में जीव का माता-पिता तथा कार्य प्रकृति से संयोग होकर मनुष्य का एवं प्राणियों का
Read Moreओ३म् जिस सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान तथा सर्वज्ञ चेतन सत्ता ने इस संसार की रचना करने सहित हमारे शरीरों को बनाया है
Read Moreओ३म् मनुष्य एक चेतन प्राणी है। चेतन प्राणी उसको कहते हैं कि जिसका अपना शरीर होता है और उसमें एक
Read Moreओ३म् वेद ईश्वरीय ज्ञान है। वेदों का अध्ययन करते हैं तो यह ज्ञात होता है कि ईश्वर ने मनुष्यों को
Read Moreओ३म् हमारे पूर्वजन्म के शुभ कर्मों के आधार पर हमें सभी प्राणियों में श्रेष्ठ मनुष्य योनि में जन्म मिला है।
Read Moreओ३म् हमें परमात्मा ने मनुष्य जन्म दिया है। हम ईश्वर और आत्मा को पूर्णतः से नहीं जानते हैं। क्या हमें
Read Moreओ३म् –काशी शास्त्रार्थ की आगामी 151वीं वर्षगाठ पर– सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा से वेदों का आविर्भाव हुआ था। वेदों
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