मेरी हसरतें
हसरतें थी मेरी कुछ कर दिखाने की वह तो ऐसे बिखर गई जैसे रेत का घरौंदा बिखर जाता है पर
Read Moreहसरतें थी मेरी कुछ कर दिखाने की वह तो ऐसे बिखर गई जैसे रेत का घरौंदा बिखर जाता है पर
Read Moreबीते जाए वक्त तो क्या रहेगा हाथ तुम्हारे कौन रहेगा साथ तुम्हारे वक्त रहते संभल जाओ एक दिन होंगे सब
Read Moreविचारों के अथाह सागर में लहराते हुए विचार अपने लिए कुछ अरमानों के संग संसार में सफ़र पर निकलते हैं
Read Moreसांसों में सिसकियां हृदय में उदासी कहां गया मेरा अस्तित्व करती है अंखियां ये तलाशी अनगिनत प्रश्न छुपाए मुझसे पूछें
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