बात कुछ भी नहीं…
बात कुछ भी नहीं बस मामूली है । मंजर कातिलाना खंजर ये खूनी है ।। कट रहे हैं रोज यहां
Read Moreबात कुछ भी नहीं बस मामूली है । मंजर कातिलाना खंजर ये खूनी है ।। कट रहे हैं रोज यहां
Read Moreसीमा ! तुम प्यार की सीमा हो । सीमा ! तुम प्यार की सीमा हो ।। सृष्टि सीमा से परे
Read Moreमौका मिल जाए अभी भी साधु बन जाऊंगा । प्रेमिकाओं की धोखा भजन समझ कर गाऊंगा ।। मौका मिल जाए
Read Moreवास्तव में अब क्यों हम विकास एवं सामाजिक उत्थान में संसार में बहुत कुछ पिछड़ गए गए लगते हैं ।आज
Read Moreमेरी मां कौन है मुझे मालूम नहीं मेरे पापा कौन है मुझे मालूम नहीं ठंड में लगाने वाला गर्म कपड़ा
Read Moreकदम दो कदम के फ़ासले ये नहीं होता फ़ासला । बुलंदियों के ऊंचाई पर रहे विरासत का हौसला ।। अपनी
Read Moreघर बार बिहीन ये दुखी ये दीन ! घर बार बिहीन ये दुखी ये दीन !! पैरों पर खड़ा होना
Read Moreआज घर वास का तीसवां दिन है । चेहरे का रंगत मलिन है ।। घर बार विहीन …! वह मिली
Read Moreआज घर वास का तैंतीसवां दिन है । तैंतीस कोटि देवी देवताओं को , समर्पण के ये दिन है ।।
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