माँ
आज वही बात दोहराऊँगी , जो माँ ने मूझे समझाई थी ! पूछ लिया था , माँ से मैंने जब
Read More१. ठोकर लगी तो पत्थर औरत बन गया यहीं से सिलसिला शुरू हुआ औरत को ठोकर मैं रखने का फिर
Read Moreदेखना चाहता है समाज आज भी नारी को बस खूंटे पर बंधी गाय ! पालतू पशु, पिंजरे में कैद, पंछी
Read More(1) कहीं ले कर ना उड़ जाना मेरे होंसलों को तुम तुम वक़्त के परिन्दे हो कभी तुम ज़मीं पर
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