शीतला अष्टमी
चैत्र कृष्ण सप्तमी तिथि विविध पकवान बनाएं,मां शीतला को अष्टमी को फिर बासी भोग धराएं,ठंडा भोजन अमृत प्रसाद रूप में
Read Moreचैत्र कृष्ण सप्तमी तिथि विविध पकवान बनाएं,मां शीतला को अष्टमी को फिर बासी भोग धराएं,ठंडा भोजन अमृत प्रसाद रूप में
Read Moreमीठा गीत गांवां, प्रीत बढ़ावां, ओ होली आई रे,चंग छमाछम बजावां, रंग लगावां, होली आई रे,भर रंग पिचकारी, दे मारी,
Read Moreनफ़रत की दीवार को गिराने का,रूठों को फिर से गले लगाने का,“आनंद” अमृत को यूं बढ़ाने का,प्रेमरस से सरोबार हो
Read Moreजटिल बंदिशें साहस से तोड़ रही है वो,वक्त को रफ्तार से पीछे छोड़ रही है वो,भयंकर तूफानों को आंख दिखा
Read Moreचल रही मदमस्त पुरवाई,मौसम ने ली है अंगड़ाई,खेतों में फसलें लहलहाई,खुशियां यहां-वहां बिखराई । फूल खिले रंग-बिरंगे प्यारे,भंवरे गुनगुनगुन करते
Read Moreसजा है जगमग सारा कैलाश,छाया चहुं दिश दिव्य प्रकाश,आई परिणय की शुभ घड़ी,हो झूमे गाएं धरती-आकाश । पहन गल सर्पो
Read Moreमौन नि:शब्द मन की एक मूक भाषा,परिस्थिति पर निर्भर जिसकी परिभाषा,कभी स्वीकृत पथ बढ़ा शांति की ओर,या तूफानों के आने
Read Moreपूर्णिमा की रात है धरती पर नव यौवन खिला,रात रानी के मुस्कुराने से पवन में मकरंद घुला,तारों की टोली गगन
Read Moreजनता ने अपना श्रेष्ठ नेता सच्चे दिल से चुना,जीत खुशियों का राजधानी में मधुरम गुनगुना,वर्षों की धैर्य, तपस्या, त्याग का
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