विजय पर्व विजयदशमी
देखो री सखी घर-घर बटत बधाई,रघुवर संघ विराजत सर्व सुहागन सीता माई,सुंदर छवि अंखियन में समाई,जो छवि निरखतकामदेव भी हारे,शोभा
Read Moreदेखो री सखी घर-घर बटत बधाई,रघुवर संघ विराजत सर्व सुहागन सीता माई,सुंदर छवि अंखियन में समाई,जो छवि निरखतकामदेव भी हारे,शोभा
Read Moreसाधना काल का हुआ मंगल शुभारंभ,कर लो अंतकरण की शुद्धि को प्रारंभ,असाध्य कष्टों से है मुक्ति का दिव्य मार्ग,नवरात्रि उपासना
Read Moreदिल पर बोझ मत डालिए,दुखों को हुजूर मत पालिए,जिंदगी का मजा लीजिए,गमों को रफा-दफा कीजिए । थोड़ा टहलने का “आनंद”
Read Moreधन लोलुप मतिभ्रम और अहंकारी बन,अज्ञानी अतृप्त हो लक्ष्य से बहका मन,सुख-दुख, रिश्ते-नाते, सब उलझाएं,सगा कौन, बैरी कौन कोई न
Read Moreफिर से रूत सुहानी हो अगर……जबसुरभित हो कण-कण, धरा का मधुबन,अठखेलियां करें तितलियां, बहे मस्त पवन,पक्षियों की हो चहचहाहट, भंवरों
Read Moreअपने पितरों का श्रद्धापूर्वक स्नेह संग तुम मान-सम्मान करो,सोलह श्राद्ध अश्विन मास के श्रेष्ठतम फलदाई ये भान करो,ब्राह्मणों को भोजन
Read Moreपहले लिया जाता था प्रभु का “आनंद” नाम,सुबह, दोपहर, शाम श्रद्धा से मनन आठों याम,समय बदला, हुए नए-नए अनोखे अविष्कार,परिवर्तन
Read Moreसंगत की रंगत का बाजे चहुं दिस डंका,कहीं बने अंधे की लाठी, कहीं डुबोएं लंका,कुसंगति राजा को पल में बना
Read Moreराधा जी के रोम-रोम में बसे कमलनयन, गोविंद ही भरतार,कान्हा की धड़कन है राधा, जोड़ी को करते हम नमस्कार ।कृष्ण
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