गरीबी और सर्दी
गरीब झोपड़ियों में बसी है दर्द भरी तन्हाई,सर्दी से बचने के लिए नहीं है एक भी रजाई,जीवन जीने की अंतहीन
Read Moreगरीब झोपड़ियों में बसी है दर्द भरी तन्हाई,सर्दी से बचने के लिए नहीं है एक भी रजाई,जीवन जीने की अंतहीन
Read Moreदुआएं इकट्ठा करो साहब,सांसों का अता पता है नहीं,कब आ जाए उसका बुलावा,ख़बर ये किसी को भी नहीं । सचेत
Read Moreबारिश ! बारिश ! कितनी बारिश,क्या बादलों ने की हैं सिफारिश,उमड़ घुमड़ कर चेन्नई में डोलते,सारी भड़ास रह रह कर
Read Moreअज्ञानता, अहंकार का पर्दा हटा लो,गुरु से जीवन का मार्गदर्शन पा लो,ज्ञान का अलौकिक शक्ति पुंज जगा,अपने सपनों को यूं
Read Moreचाह कर भी चाहतों में वो रंग न भर पता,पंखों को खुद ही कांट जंजीरों में बंध जाता,बेबसी की बेड़ियां
Read Moreहमारी कमज़ोरी का फ़ायदा उठा,रोज गुस्सा मत दिखाया कीजिए । मुस्कुराहट आपकी खूबसूरत बड़ी,जब मनाएं मान जाया कीजिए । दाल
Read Moreकलिकाल की छाई चहुं ओर रंगत,मानव क्यों करें तू दुष्टों की संगत,मानवता का यहां क्षरण हो रहा हैं,इंसान दुःखों से
Read Moreबारिश ने करवट बदली शीतलहर छाई,निकाल ली है अब स्वेटर, कम्बल, रजाई,कंपकंपाती जाड़े की शुरुआत यहीं हुई,मद्धिम-मद्धिम ठिठुरन की दस्तक
Read Moreवेद पुराणों की प्रखर वाणी,मत बन मानव तू अभिमानी,यदि ये बात तूने जो न मानी,भुगतेगा, न चलेगी मनमानी । जन्म
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