आया सावन आया
तन मन हो उठा पुलकित स्वर्ग धरा पर उतरा हो,शिव- शिवा की भक्ति में जन समूह उमड़ा हो,हर हर हर
Read Moreतन मन हो उठा पुलकित स्वर्ग धरा पर उतरा हो,शिव- शिवा की भक्ति में जन समूह उमड़ा हो,हर हर हर
Read Moreविरह दूर करो हे नाथ ! अब तो मेरा,सता रहा है अज्ञान का घनघोर अंधेरा,जानता हूं, मैं हूं एक अंश
Read Moreघिर घिर बदरी छाई, अंबर से बरसे बूंदों की फुहार,मन भावन ऋतु बरखा लाई, सावन में अमृत की बहार,“आनंद” मग्न
Read Moreआ रहा है सावन का त्योहार, सावन का त्योहार,सखी री अपने भोले बाबा का करेंगे बढ़िया श्रृंगार। कावड़ ले जा
Read Moreछाने लगी है, कारी-कारी बदरी गगन,देखो नगरी-नगरी, खुशीयों का हुआ आगमन,आषाढ़ की है भीगी-भीगी सुंदर उतराई,भीषण झुलसती, रूखी गर्मी से,
Read Moreपरीक्षा लेती हैं जिंदगी अक्सर,घबरा न जाना इससे तुम डर कर,सामना करना कठिनाइयों का मुस्कुरा कर,तूफ़ानों को सहना हिम्मत से
Read Moreजल है तो कल है,जल से ही बादल है,बादल से ही बरसात है,बरसात से ही अमृत की फुहार है,अमृत की
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