कालचक्र
मैं रोज जीता हूंऔर रोज मरता हूंसूर्य की सुनहरी किरणों संग चलता हूंबचकानेपन वाले मन से क्षण-क्षण लड़ता हूं ।
Read Moreविपदाओं के बादल तो उमड़ते-घुमड़ते रहेंगेहंसना न छोड़िए, मुस्कुराना न छोड़िए । शंकाओं के शूल हमेशा मन-मस्तिष्क में चुभते रहेंगेज्ञान
Read Moreफतेहाबाद (आगरा) । प्राथमिक विद्यालय, पूठपुरा (फतेहाबाद ) के प्रधान कक्ष में विश्व गंगा वाहिनी एवं शोध संस्थान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय
Read Moreनया उल्लास आयामन – मस्तिष्क में उमंग लाया ।खिल गये नये अंकुरनया-नया मधुमास आया ।भावना में संगीत बज उठानयनों में
Read Moreमैंने बहुत सोचाबहुत समझामन भरमाया …मन के चंगुल में फंससुख -शांति को ग्रहण लगाया । बुद्धि विवेक को लगा जंगभांति
Read Moreश्रीनाथद्वारा -राजस्थान । साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा संस्था के विशाल सभागार में दो दिवसीय साहित्यिक कार्यक्रम उक्त संस्था द्वारा आयोजित 5
Read Moreकृपा तुम्हारी भगवनजग में समा रही हैउपवन में फूल खिला रही है । कृपा तुम्हारी भगवनरवि-चंद्र चमका रही हैतारे टिमटिमा
Read Moreदया करो, हे दयावान !इस निर्धन के घर आ जाओबिगड़े सब काम बना जाओ । दया करो, हे दयावान !तम
Read Moreहे प्रभु ! दया करोमन मेरा भटकाइसको सुधारो । जीवन निरर्थक लगताघोर अशांति छायीप्रभु तुम बिन सबसूना-सूना लगता । हे
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