कविता मेरी
कविता मेरीतू मेरे मन की मल्लिकामेरे मन में बहतीनव सृजन रचती। कविता मेरीतू मेरे मन की साधनासर्वस्व तुझपर अर्पणदिखाती रहो
Read Moreकविता मेरीतू मेरे मन की मल्लिकामेरे मन में बहतीनव सृजन रचती। कविता मेरीतू मेरे मन की साधनासर्वस्व तुझपर अर्पणदिखाती रहो
Read Moreविपदाओं के बादल तो उमड़ते-घुमड़ते रहेंगेहंसना न छोड़िए, मुस्कुराना न छोड़िए । शंकाओं के शूल हमेशा मन-मस्तिष्क में चुभते रहेंगेज्ञान
Read Moreफतेहाबाद (आगरा) । प्राथमिक विद्यालय, पूठपुरा (फतेहाबाद ) के प्रधान कक्ष में विश्व गंगा वाहिनी एवं शोध संस्थान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय
Read Moreनया उल्लास आयामन – मस्तिष्क में उमंग लाया ।खिल गये नये अंकुरनया-नया मधुमास आया ।भावना में संगीत बज उठानयनों में
Read Moreमैंने बहुत सोचाबहुत समझामन भरमाया …मन के चंगुल में फंससुख -शांति को ग्रहण लगाया । बुद्धि विवेक को लगा जंगभांति
Read Moreश्रीनाथद्वारा -राजस्थान । साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा संस्था के विशाल सभागार में दो दिवसीय साहित्यिक कार्यक्रम उक्त संस्था द्वारा आयोजित 5
Read Moreकृपा तुम्हारी भगवनजग में समा रही हैउपवन में फूल खिला रही है । कृपा तुम्हारी भगवनरवि-चंद्र चमका रही हैतारे टिमटिमा
Read Moreदया करो, हे दयावान !इस निर्धन के घर आ जाओबिगड़े सब काम बना जाओ । दया करो, हे दयावान !तम
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