बाल कविता – चिड़िया
फुदक-फुदक कर नाचती चिड़िया, दाना चुंगकर उड़ जाती चिड़िया हरी-भरी सुंदर बगिया में, मीठे-मीठे गीत सुनाती चिड़िया अपने मिश्रीघुले बोलों
Read Moreफुदक-फुदक कर नाचती चिड़िया, दाना चुंगकर उड़ जाती चिड़िया हरी-भरी सुंदर बगिया में, मीठे-मीठे गीत सुनाती चिड़िया अपने मिश्रीघुले बोलों
Read Moreबरसते भादों का महीना है प्रिये तुमको भीगके जाना है बोलती कोयल कुहू-कुहू हमने तुम्हें ही अपना माना है शीतल
Read Moreराजनेताओं की चाटुकारिता नहीं मेरी कविता प्रेमिका का चाँद-तारों वाला श्रृंगार नहीं मेरी कविता धर्म-जाति, मजहब का भेद नहीं मेरी
Read Moreआ गया प्यारा स्वतंत्रता दिवस, लेकर अमर क्रांति का संदेश | छाया है चहुँओर हर्ष ही हर्ष, सबसे न्यारा-प्यारा है
Read Moreआसमान पर ड़ाला ड़ेरा गाँव-शहर सबको आ घेरा बड़ी दूर से चलकर आये जाने कहाँ-कहाँ से आये तरह-तरह के रुप
Read Moreमोबाइल फोन पर हरेलाल गिड़गिडाये जा रहे थे | उनकी आँखों में आये आँसू और मुरझाये चेहरे, सूखे होठों से
Read Moreहे भारत माता तेरा अभिनन्दन तेरी मिट्टी का कण-कण चन्दन चाहूँ तेरे चप्पे-चप्पे में हो उजियारा दूध-दही की बहती रहे
Read More