नव निर्माण
आसमान पर ड़ाला ड़ेरा गाँव-शहर सबको आ घेरा बड़ी दूर से चलकर आये जाने कहाँ-कहाँ से आये तरह-तरह के रुप
Read Moreआसमान पर ड़ाला ड़ेरा गाँव-शहर सबको आ घेरा बड़ी दूर से चलकर आये जाने कहाँ-कहाँ से आये तरह-तरह के रुप
Read Moreमोबाइल फोन पर हरेलाल गिड़गिडाये जा रहे थे | उनकी आँखों में आये आँसू और मुरझाये चेहरे, सूखे होठों से
Read Moreहे भारत माता तेरा अभिनन्दन तेरी मिट्टी का कण-कण चन्दन चाहूँ तेरे चप्पे-चप्पे में हो उजियारा दूध-दही की बहती रहे
Read Moreहम क्या से क्या हो गये भ्रम में पड़े बीमार हो गये हिंदू-मुस्लिम करते-करते खूनी दंगों के शिकार हो गये
Read Moreमकरन्द पान करते भ्रमर इठलाती-मँडराती तितलियाँ कुहू-कुहू की टेर लगाती कोयलिया प्रेम आलिंगन करती गौरैया अब ये सब कहाँ चले
Read Moreजमुनिया भोर के अंधेरे में ही महुआ बीनने निकल पड़ी थी, जबकि सारी रात उसे तेज बुखार रहा था |
Read Moreरामचरन बरमादे के कोने में पड़ी टूटी-फूटी चारपाई पर पड़े-पड़े खांस रहे थे | सामने से पुराने टाट की तिरपाल
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