अपने तो अपने होते हैं
मर -मर कर देख लिया जी-जी कर भी देख लिया अपनों का स्नेह देख लिया अपनों का अपनत्व भी देख
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Read Moreतन रॅंगा बहुतों ने मन जो रॅंगे तब हो सच्ची होली। बेशक ! कपड़े- लत्ते न भींगे जब मन भींगे
Read Moreआगरा। यूथ हॉस्टल आगरा में बीते दिवस बृजलोक साहित्य कला संस्कृति अकादमी (पंजीकृत), गुरु विद्यापीठ रोहतक, श्रीपतराव चौकले आर्ट्स एंड
Read Moreजीवन सुख- दु:ख का संगम है । आज सुख है तो कल निश्चित ही दुःख आयेगा । ये प्रकृति का
Read Moreआधुनिक समय में हमें जो सुख -सुविधाएं प्राप्त हैं । उनमें इंटरनेट का बड़ा योगदान है । परंतु सुख के
Read Moreफतेहाबाद (आगरा) । नगर पंचायत अध्यक्ष कार्यालय पर सरस्वती जयंती (बसंत पंचमी) के शुभ अवसर पर बृजलोक साहित्य कला संस्कृति
Read Moreनये वर्ष में, नया सूर्य है नई भोर में, नई किरण है नियति चक्र जो घूम रहा है साथ-साथ चले
Read Moreसुख-दु:ख में साथ निभाता कठिनाइयों में हौसला बढ़ाता गलत राह से सदा बचाता वही सच्चा दोस्त होता । संकट में
Read Moreहरियाणा प्रांत का एक शहर है हिसार और यह एक प्राचीन शहर भी है । नई दिल्ली से करीब 164
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