क्षितिज
शांत सौम्य निश्छल थी उम्रदराज बस थोड़ी होंगी उम्र में बड़ी यानि संभावनाएं…. मित्रता के साथ थी, मिलने वाली सलाह
Read Moreजब भी जाता हूँ गाँव तो गुजरता हूँ, विशालकाय लोहे के पुल से सरकारी नाम है राजेन्द्र प्रसाद सेतु पर
Read Moreह्म्म्म!! कड़क झक्क सफ़ेद टंच बुशर्ट !! फीलिंग गुड !! चुटकी भर रिवाइव पावडर कुछ बूँद टिनोपाल व नील की
Read Moreस्त्री हूँ हाँ स्त्री ही हूँ कोई अजूबा नहीं हूँ, समझे न ! क्या हुआ, मेरी मर्जी जब चाहूँ गिराऊं
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