जन-नायक
संकट-ग्रस्त को उबार देगा अन्यायियों को सुधार देगा पड़ी जरूरत अगर देश को हर एक हाथ में कुठार देगा स्वर
Read Moreवैमनस्यता रहे न ही दंगा रहे मोहब्बत में न कोई अड़ंगा रहे परचम लहराता हुआ विश्व में विजयी विश्व तिरंगा
Read Moreरामू! रामू हाॅं बाबू मेहमान आयें हैं मेहमान अच्छऽ बाबू! कहते हुए साथ में कुछ कुर्सियाॅं और बिछौना लिए रामू आता
Read Moreकिसी की मूक है कविता किसी की भूख है कविता किसी की आस है कविता किसी की प्यास है कविता
Read Moreबिल्कुल ही एक मजदूर की तरह जब खुद को जोड़ा हूं झिंझोड़ा हूं दिन रात आंखों को फोड़ा हूं निचोड़ा
Read More