सीख लो
चाँदनी रातों पे तो धड़कन भी है गिरवी तपती दुपहरी में बलिदान देना सीख लो सावन का स्वागत सदा करते
Read Moreधोखा मिला सहारा मिला डूबते हुए को किनारा मिला हँसना हुआ रोना कभी मिलना हुआ बिछड़े कभी सफलता मिली शून्य
Read Moreएक दरवाजा बंद हो जाए तुम्हारी कामयाबी का और खिड़की भी न खुले कोई तो यूँ ही कैद न रहो
Read Moreभाग्य और पुरुषार्थ का मिल जाए हमें संग हम बढ़ते ही जाएँगे लेकर मन में नई उमंग
Read Moreएक जमीन थी हरियाली पशु पक्षियों का बसेरा जीव-जंतुओं का डेरा वहाँ शांति थी सुकून था लोग वहाँ आते थे
Read Moreअब न वो सुबह होती है न वो वैसी रात होता तो सब है मगर अब नहीं रही वो बात
Read Moreकांटों भरा हो पथ चाहे हम तनिक नहीं घबराएँगे लाँघ मार्ग की बाधाएँ विजय का ध्वज लहराएँगे चलते रहेंगे, बढ़ते
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