छन्द : शोकहर/ सुभांगी
सुनो दिवानी,राधा रानी,बृषभानु लली, रख प्रीती । क्षोभ सतावे,चैन न आवे,दिल ही जाने,जो बीती । यह सब साँचो,आँखिन बांचो,नहि कुटिल
Read Moreसुनो दिवानी,राधा रानी,बृषभानु लली, रख प्रीती । क्षोभ सतावे,चैन न आवे,दिल ही जाने,जो बीती । यह सब साँचो,आँखिन बांचो,नहि कुटिल
Read More(1)प्रेम रहा नहि प्रेम अब,प्रेम बना व्यापार |प्रेम अगर वह प्रेम हो,प्रेम करे भवपार ||(2)प्रेम संग पेशा मिला,हुआ बाद फिर
Read Moreदेख गरीब मजाक करो नहि, हाल बनो किस कारण जानो। मानुष दौलत पास कितेकहु, दौलत देख नही इतरानो। ये तन
Read Moreमिट्टी वाले दीये जलाना जो चाहो दीवाली हो उजला-उजला पर्व मने कही रात न काली हो मिटटी वाले…………….. जब से
Read Moreदो अक्टूबर को हुए,लिये अनोखा काम । गांधी लाल बहाद्दुर,उन दोनों के नाम ।। ===================== अठारह सौ उनहत्तर,वर्ष समझ यह खास ।
Read Moreश्रृंगार लिए कंचन सी’ काया वो,उतर आई नजारों में । करें वो बात बिन बोले,अकेले में इशारो में । बिना
Read Moreअब तो अपनी सोच को,बदलो पाकिस्तान । घर में घुसकर मारते,जब लेते हम ठान ।। निकल गया जो हाथ से,बाद
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