कविता : बदलाव
पहले जैसा कुछ भी नहीं अब देखो कितना बदलाव है, देखो इंसान बदल रहा अब बदल रहा संसार है, देखो
Read Moreपहले जैसा कुछ भी नहीं अब देखो कितना बदलाव है, देखो इंसान बदल रहा अब बदल रहा संसार है, देखो
Read Moreभीग रही है पलके मेरी सजन तेरी याद में, बैठी हूँ तन्हा अकेली तेरे इंतज़ार में, तू दूर गया तो
Read Moreमैं हूँ एक नन्ही कली जरा मुझको तू खिलने देना, होगा तेरा उपकार बड़ा मुझे इस दुनिया से मिलने देना,
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