मर रही इंसानियत आजकल
खाली पड़ा है मय का प्याला आजकल। ऐसा लगता है इसका भी मय से नाता टूट गया है।। आसमाँ में
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Read Moreदस साल का रोहित अपने पड़ोस में सभी का और अपने घर में सभी का प्यारा था। आसपास के लोग
Read Moreरोशनी कब कहाँ किधर से आएगी। जलेगी जब मेरी खोली ये तभी नजर आएगी।। अंधेरो में चलना भी अंधेरा ही
Read Moreमोबाइल के नुकसान गिनवाने वाले लोग तो आपने बहुत देखे होंगे,आज मैं मोबाइल से होने वाले फायदों के बारे में
Read Moreकविता – कलम की मार से मचा हाहाकार सबकी अपनी सोच है,सबका अपना मन। लगती हो लगे बुरी,पर हम लिखते
Read Moreकैसी बेटी कैसे बेटे । अगर माँ बाप रोते।। माँ बाप के दुख । सारे रिश्तेदार चुप ।। हर व्यक्ति
Read Moreआँखे छुपा लू कैसे । मुझे सब दिखता है ।। आईने की तस्वीर के पीछे क्या है मुझे सब दिखता
Read Moreसमय का पहिया टिक टिक कर के धीरे धीरे चलता है । जीवन पथ है आग का दरिया और अंगारो
Read Moreकभी उसने पुकारा ही नही पलटकर हमे, हम बस यूँ ही उसे जाते हुए निहारते रहे, हर वक्त साथ चलने
Read Moreबाजार मे खुद ही अपना ईमान बेचकर। कल रात नींद ना आयी अपना अभिमान बेचकर ।। बस अब मेले में
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