माँ
माँ के सम्मान में क्या कहूँ, ये शब्द अपने आप मे सम्माननीय है, कभी मेरे दर्द से जो दुखी हुई
Read Moreसबके अपने दर्द है सबके अपने नीर । क्यों तू अपने दर्द पर नीर हुआ गभीर ।। मतलबी के दिल
Read Moreरोशनी है हर तरफ मगर दिखता कुछ भी नही। चल रहा हूँ बहुत तेज मगर मंजिल कहाँ पता नही।। जाने
Read Moreकुछ इस कदर अपने गुनाहों का हिसाब रखता हूँ, एक आईना पीछे और एक आईना सामने रखता हूँ, सभी गुनाहों
Read More