सोफा
सोनल दीदी को मैंने बहुत कहा कि एक मामूली सोफा ही खरीद लें। कॉलोनी में सबके पास सोफा है। उनके
Read Moreधन्ना सेठ अभी नए आए हीरों को लेंस के नीचे रख-रख कर परख रहे थे। परख क्या रहे थे; बस
Read Moreकिसी कपड़े की क्या कीमत हो सकती है इसका अंदाज़ा लगाना नामुमकिन है। विशेषकर हमारे यहाँ; जहाँ हर तबके के
Read Moreअभी आधा रास्ता बाकी था मगर अब कालूराम से रहा नहीं गया। उनके भूख से कुलबुलाते दिमाग के सब दरवाजे
Read Moreसोमनाथ ने चैन की साँस ली जब दोनों गांव में पहुंच गए। “भाई कालू! मैं उत्तर दिशा में जाता हूँ
Read Moreकालू चारपाई पर लेटा-लेटा सोच रहा था, जी हाँ सोच रहा था। कालूराम सोचते भी हैं ये बात वो खुद
Read Moreआज जो कदम मैं उठाने जा रही हूँ शायद उसके पीछे अपने पापा के लिए बचपन से दबे मेरे रोष
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