बाल कहानी – मासूमियत
“बहुत ठंड है। अभी तुम्हारे लिए गरम चादर तैयार करती हूंँ।” चाची ने कमरे के अंदर झाँककर देखा, सात साल
Read More“बहुत ठंड है। अभी तुम्हारे लिए गरम चादर तैयार करती हूंँ।” चाची ने कमरे के अंदर झाँककर देखा, सात साल
Read More“ज्योति,अब तुम शिक्षिका बन गई हो। उम्र भी तेईस हो गई है अब तो तुम्हें आपत्ति नहीं है न ?” अपने
Read Moreमुहल्ले में रोज कुछ न कुछ मुद्दों पर तर्क बहस और झगड़ा साधारण सी बात है। आज दस वर्षीय गोलू को
Read Moreरुको मत बढ़े चलो मंजिल अभी आई नहीं हिम्मत तेरी टूटे नहीं चलना ही जिंदगी है।1। घटा है घनघोर छाई
Read More“हैलो माँ कैसी हो ?” पिता की आवाज सुनकर बेटी ने आँसू पोंछा और सामान्य स्थिति की आवाज में फोन
Read More“बहू,जिंदगी के बीस साल गुजार दिए सफेद साड़ी और सफेद ब्लाउज में,जबसे तुम्हारे बाबूजी नहीं रहे।आज तुम मेरे लिए लाल
Read Moreव्हाट्सएप पर बेटे का मैसेज था,”पापा इस महीने रूपये नहीं भेज पा रहा हूँ। किसी तरह मैनेज कर लेंगे।”
Read Moreमकर संक्रांति पर्व भारतवर्ष का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो खरमास के अंत में संक्रांति के दिन मनाया जाता है।
Read Moreमधु की आज पहली विवाह वार्षिकी थी। नहा धोकर पूजा अर्चना की ,सासू माँ को नाश्ता देने के बाद पति
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