कविता
सत्य और झूठ की लड़ाई होनी चाहिए, नागरिकता कानून की सिकाई होनी चाहिए। हो तुम सच्चे नागरिक तो डर किस
Read Moreबहुत हो चुके बेघर अपने ही घर में हम, हम अब न सहेंगे जिंदगी में दर्दे गम। फूलों की घाटी
Read Moreहर रोज चुपके से भोर की बयार कानों में कुछ कह जाती है खुशबू उसकी सारा दिन महका जाती है।
Read Moreसोचो धरती पर क्यों आए किस कारण जन्म लिया? क्या कर्तव्य है तुम्हारा किस हेतु तन धारण किया? पढ़-लिख कर
Read Moreआओ मिलकर हम सब, धरा नई बनाते हैं गीत नया गाते हैं,अब गीत नया गाते हैं। जो बीत गया सो
Read Moreउत्साही को खुशियां ढूँढे कायर को दुख के कण। जीवन की आपाधापी में समेट लो फुर्सत के क्षण। प्यार करो
Read Moreहे ! राम तुम कहाँ हो ? धरती के कण-कण में तुम परती के जन-मन में तुम क्षिति-जल-पावक में तुम
Read Moreतृण पर ओस-बूँद सी चमकती-छलकती जिंदगी सूर्य की ओजस्वी उष्मा से अस्तित्व बचाने को तड़पती लेकर चंचल चंद्र संजीवनी श्यामल
Read Moreजब बहुत ज्यादा भूख लगती है तो मिनटों में क्या बनाते हैं। अधिकतर लोगों का जवाब होगा नूडल्स। यदि यह
Read Moreधरती के सूरज तुम जागो अंधकार तुम्हें पुकार रहा दे कर दुहाई पौरुष की चीत्कार रहा हुंकार रहा। डाल-डाल पर
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