धरती का दिनमान
अब न होगी रात अंधेरी हरेक पग पर उजाला होगा। इस धरती के दिनमान से जीवन सबका संवरा होगा। जलेगी
Read Moreअब न होगी रात अंधेरी हरेक पग पर उजाला होगा। इस धरती के दिनमान से जीवन सबका संवरा होगा। जलेगी
Read Moreदेखकर सूखे पत्ते की सूखी उभरी नसों को याद आ गई बूढ़ी माँ छोड़ आया था जिसे नितांत अकेला सूने
Read Moreसब जगह काट-छांट अकेला होता जीवन छोटे होते परिवार खुशियों को लगता ग्रहण हो गया सब तरफ बोनसाई जीवन। जड़ों
Read Moreपर्व यह रक्षा सूत्र का कहलाता रक्षा बंधन कोमल पवित्र पावन सा ये रिश्ता बहन भाई का बाँधकर रक्षा सूत्र
Read Moreपत्थर तोड़ती मैं कर्मठ नारी मत समझो मुझको बेचारी। सीने में दिल मैं भी रखती हूँ मेरी भी बिटिया बड़ी
Read Moreअब के पंद्रह अगस्त में भारतखंड होगा स्वतंत्र कश्मीर के प्रांगण में तिरंगे का होगा आगमन। बहुत सहा अब न
Read Moreसुषमा तुम सुषमा हो स्वराज्य की भगवती सरस्वती हो आर्यव्रत की माँ भारती की पावन प्रतिमा हो करुणामय नारी का
Read Moreकरो मत किसी से तुलना तुम जैसे हो अच्छे हो। रहकर स्वार्थ बोध से दूर तुम सीधे सच्चे हो। होता
Read Moreरूठ गई गोद माँ की शहीद भाई हो गया। पत्नी के मांग का सिंदूर हो तार-तार बिखर गया। यह युद्ध
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