मानव की यात्रा
रहकर गुफाओं में आग जला पत्थरों से शिकार कर पशुओं का करता मांस भक्षण ढक लेता तन-बदन को वृक्षों की
Read Moreरहकर गुफाओं में आग जला पत्थरों से शिकार कर पशुओं का करता मांस भक्षण ढक लेता तन-बदन को वृक्षों की
Read Moreये हाथों की कालिख तो पौरुष की निशानी है। पके है श्रम की आग से ये निर्माण की हर प्रक्रिया
Read Moreअद्भुत है जीवन की सीढ़ी पार करते ही एक दूसरी आ जाती है सभी की है अपनी मंजिल सभी का
Read Moreशिक्षा में वो ताकत है जो पूरे देश बदल सकती है, लेकिन अफसोस हमारा शिक्षा मंत्रालय आज गहरी नींद में
Read Moreचलते-दौड़ते-भागते अपना सब कुछ लुटाते भूखे पेट पटरियों पर सोते मन पर बोझ लिए मन भर बोझा ढोते अरे !
Read Moreबचा सको तो बचा लो इस धरती को बचा लो। उठा सको तो उठा लो भीगी पलकों को उठा लो।
Read Moreबुलबुला है ओस का,ये जिंदगी तुम्हारी। किस बात है गर्व, किस बात की खुमारी। टपका था रात में एक नूर
Read Moreहमारी जिंदगी में जो कुछ भी आता है। उसे हम अपने विचारों से ही आकर्षित करते हैं। साथ ही जो
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