नव वर्ष का नव प्रभात
नव वर्ष का नव प्रभात है खुशियाँ आने की आहट है। भारतीयों के तन मन में माँ की रक्षा बड़ी
Read Moreनव वर्ष का नव प्रभात है खुशियाँ आने की आहट है। भारतीयों के तन मन में माँ की रक्षा बड़ी
Read Moreफिर आ गया इक्कीसवीं सदी का दर्द में डूबा नव वर्ष वृक्षों पर उमंग नहीं अंतस में छिपा है बिछड़े
Read Moreहम मनुज हैं मनुज का सहारा बनें। डरे डूबे हुओं का किनारा बनें। नर से नारायण बनकर हम सेवा करें।
Read Moreवह चटकती है कांच सी खिलती कचनार सी टूटती है दीवार सी राह में नारी के विकार हैं,व्यवधान हैं दुविधाएँ
Read Moreसच बतलाना तुम सागर तुमसे मेरा क्या नाता है। पास देख कर तुम्हें मगर प्रेम उमड़ घुमड़ आता है। समझा
Read Moreहमारा देश भारत अपने आप में बसी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के लिए दुनियाभर में विख्यात है। हमारे देश में
Read Moreहूँ मैं दीप माटी का किंतु अंधेरों से लड़ूँगा काट कर तम को जड़ से प्रकाश की ओर बढूँगा। चाँद
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