श्रावणी तीज
लो फिर आ गई सावन की झड़ी मोहन के इंतजार में राधा है खड़ी। करके सोलह श्रृंगार राधा मन मोहन
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Read Moreअनोखा अद्वितीय देश हमारा जहाँ पहुंच अनजान पथिक को मिलता सम्मान सहारा ।। जहाँ प्रथम मानव ने खोली अपने नयनों
Read Moreकाँटों से घिरा पर मुस्कराता गुलाब कठिनाइयों से घिरा अजनबी सा खिल रहा है। दूसरी तरफ मानव काँटों से दूर
Read Moreचेहरे पर कसक की झलक सिर पर ईंटों का भारी बोझ , यह मेरे अद्वितीय भारत की अद्भुत, जीवंत, कर्मठ
Read Moreमुझे आज भी याद आते हैं वे दिन जब हमारे शहर में कवि सम्मेलन और मुशायरा होता था । कवियों को
Read Moreभगवान राम के नाम से तो हर व्यक्ति परिचित है और हम सभी यह जानते हैं। कि राम का इतिहास
Read Moreउस किसान की सूनी आँखें, देख रही सूखी खेती को दहेज कम मिलने पर, घर लौट आई भोली बेटी को
Read Moreसुनील शहर का पड़ा लिखा एक नौजवान लड़का था । कद काठी और व्यक्तित्व में साधारण । सुल्तानपुर के एक
Read Moreपहले शिक्षक या गुरु का पद बहुत ऊँचा व सम्माननीय होता था । गुरु भी बहुत ज्ञानी और मर्यादित होते
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