कविता : किसान का दहेज
उस किसान की सूनी आँखें, देख रही सूखी खेती को दहेज कम मिलने पर, घर लौट आई भोली बेटी को
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Read Moreसुनील शहर का पड़ा लिखा एक नौजवान लड़का था । कद काठी और व्यक्तित्व में साधारण । सुल्तानपुर के एक
Read Moreपहले शिक्षक या गुरु का पद बहुत ऊँचा व सम्माननीय होता था । गुरु भी बहुत ज्ञानी और मर्यादित होते
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