आई तुम्हें तब हिचकी होगी
सूनी रात बिताई उसने आई तुम्हें तब हिचकी होगी। करवटों में सिमट-सिमट कर रह गई उसकी सिसकी होगी। छूटी न
Read Moreसूनी रात बिताई उसने आई तुम्हें तब हिचकी होगी। करवटों में सिमट-सिमट कर रह गई उसकी सिसकी होगी। छूटी न
Read Moreतुम कागज के फूल थे मिट्टी को न जान सके। दिया आसरा जिसने तुमको तुम उसको न मान सके। अंधकार
Read Moreमन से मन का तार जुड़ेगा नवगीत निर्मित होगा। भूले भटके राही को खुशियों का संसार मिलेगा। करनी अपनी देख
Read Moreसदियों से छिपाती अपनी व्यथा कथा न जाने इस प्राणी को ईश्वर ने कैसे गढ़ा जिसे किसी ने आज तक
Read Moreमंदम् मंदम् अधरम् मंदम् स्मित पराग सुवासित मंदम्। सरल सुबोधा ललिता रमणम् भगवद्गीता अति रमणम्। विरचित व्यासा लिखिता गणेश: अमृतवाणी
Read Moreसमय का पंछी उड़ता जाए दूर गगन में पंख फैलाए। हर आने-जाने वाले को ज्ञान संदेशा देता जाए। समझो समय
Read Moreतुम बनो कल्पना मेरी मैं कवि बन जाऊँगा। जीवन का सच्चा आनंद मैं तुमको दे जाऊंगा। ढीली करो धनुष की
Read Moreकान्हा कान्हा रटते-रटते कान्हा की मैं हुई दीवानी। भूल-भाल कर घर द्वार को हो गई मैं तो प्रेम दीवानी। जित
Read Moreआ लौट चलें गांव की तरफ जहां हो न कोई भारी भरकम सड़क जहां हो सड़क के किनारे नत्थू चाचा
Read Moreये रक्षा बंधन का त्यौहार भाई-बहन का निश्छल प्यार। राखी बांध कर भाई के बहनें देती प्रेम उदगार। बहन से
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