बूढ़ा होते देखा है
बूढ़े होते मात-पिता को अपने में सिमटते देखा है। अब नहीं लगती भूख उन्हें दर्द विनाशक मलते देखा है। बुढ़ापे
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Read Moreबारह वर्ष का विहान रोते-रोते दादा जी के पास आया। दादा जी दादा जी देखो न सबकी पंतग तो आकाश
Read Moreअक्षय तृतीय पर हम करते हैं कामना धन-संपत्ति अक्षय होने की सुख-शांति अक्षय होने की रिश्ते-परिवार अक्षय होने की नहीं
Read Moreबचपन की साथी पुस्तक मेरी जिसने किया भविष्य निर्माण मिला न इससे अच्छा मित्र ढूंढ लिया दुनिया जहान। शब्द बहुत
Read Moreहमारी पड़ोस में रहने वाले वर्मा जी स्टेट बैंक में मैनेजर थे। सेवा निवृत्त हुए लगभग दस साल हो चुके
Read Moreपुरजोर कहा था तुमसे बचा लो इस धरती को मत उजाड़ों इसका चमन यहाँ जन्मा हर इंसान हम सब इसकी
Read Moreकौन कहता है मैं विकलांग हूँ? एक पैर नहीं है तो क्या अपने पैरों पर तो खड़ा हूँ। नहीं हूं
Read Moreसुख-दुख मन के दो भाव हो मन के अनुकूल तो सुख हो मन के प्रतिकूल तो दुख, सुख-दुख मन की
Read Moreअंबर स्वच्छ अंतरिक्ष स्वच्छ, कल कल करती तटिनी स्वच्छ। वसुधा स्वच्छ वसुंधरा स्वच्छ उदधि का बहता नीर स्वच्छ। भूधर स्वच्छ
Read Moreहो गया राम अवतार होगा फिर से राम राज। दुराचार का होगा नाश सदाचार का होगा काज। अब हर बालक
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