जाना है पी के देश
ओड़ चुनरिया श्याम रंग की मोहे जाना है पी के देश। न मैं जानू रंग रूप न मैं जानू भाषा
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Read Moreसोने के पिंजरे में बंद हुई मैना बहुत कहा उससे पर मानी न कहना। ऊँची हवेली में फंस गई मैना
Read Moreइस प्रेम दिवस पर कर सको तो धरती माँ से कर लो प्रेम भारत माँ से कर लो प्रेम। प्रेम
Read Moreअलीपुर गांव में बिस्सू नामक एक किसान रहता था। उसके पास बारह सौ बीघा जमीन थी। जिस पर खेती करके वह अपने
Read Moreअंगुली में लपेटे धागों से नचा रहा मैं हर प्राणी को महलों में स्वप्न दिखाता कभी झोंपड़ी में तड़पता राजा
Read Moreतुम्हारे शब्दों की सीढ़ी चढ़ते चढ़ते उसे मिला जल का एक मीठा दरिया सुकून वाला हरा-भरा जंगल चिकने पत्तों वाले
Read Moreबहुत हो चुके बेघर अपने ही घर में हम, हम अब न सहेंगे जिंदगी में दर्दे गम। फूलों की घाटी
Read Moreहर रोज चुपके से भोर की बयार कानों में कुछ कह जाती है खुशबू उसकी सारा दिन महका जाती है।
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