उस नारायण से नाता है
मैं दिव्य -सनातन- सत्य तत्व।मैं परमात्मा का अंश अमर।मुझसे है साँसों का प्रवाह।मेरी अनुभूति सहज सुंदर।मेरे समीप जो आता है,वह
Read Moreमैं दिव्य -सनातन- सत्य तत्व।मैं परमात्मा का अंश अमर।मुझसे है साँसों का प्रवाह।मेरी अनुभूति सहज सुंदर।मेरे समीप जो आता है,वह
Read Moreयह काल निरन्तर चलता है, रुकता न कभी इसका प्रवाह। इस कालसिन्धु की धारा में, बहता जाता है जग अथाह।
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