पलको तले न जाने कितने ख्वाब पल रहे थे
पलको तले न जाने कितने ख्वाब पल रहे थें दिल मे न जाने कितने अरमान मचल रहे थें नित्य आगे
Read Moreपलको तले न जाने कितने ख्वाब पल रहे थें दिल मे न जाने कितने अरमान मचल रहे थें नित्य आगे
Read Moreबिल्ली मौसी बिल्ली मौसी कहो कहाँ से आयी हो थकी हारी सी तुम दिख रही कही जोरो से भूख नहीं
Read Moreपुलवामा में हुए हमले का बदला कुछ इस तरह लो अपने ही घरो मे छुपे गद्दारो को सबसे पहले निकाला
Read Moreजो उकेरे है कागज पर कुछ शब्द वो सिर्फ शब्द ही नही मेरे अंदर दबे हुए वे जज्बात है जिन्हे
Read Moreबिते हुये बातो को याद.क्यो करना जब दूर ही गये तो पास क्यो आना गलतफहमियां थी हमदोनो के बीच अब
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