ग़ज़ल
नफे-नुकसान का बंधन नहीं थाये दिल व्यापार का साधन नहीं थाबिका करता था यों तो कौड़ियों मेंमगर निर्लज्ज विज्ञापन नहीं
Read Moreकहां खो गए तुम मुझे छोड़ कर केकहां छुप के बैठे हो मुंह मोड़ कर के।चलो आओ सम्मुख करो मुझसे
Read Moreनिकल आओ ओढ़ करके शाल फिर बातें करें देख लूँ मैं फूल जैसे गाल फिर बातें करें मैं सुनाऊँ हाल
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