कभी धड़कन तो कभी दिल
कभी समन्दर, तो कभी साहिल हम हुए। कभी धडकन, तो कभी दिल हम हुए। इतनी खता है कि सच को
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Read Moreकाश के सपनों के गांव में होतीं पगडण्डीयाँ। पांव पांव चलते और पा लेते खुशीयाँ। पर्वत पर्वत फूल खिलाते होते
Read Moreचांद सितारे फूलों की लड़ियां अच्छा सोचना। किस किसके घर में आज बुझा है दीया सोचना। कितने महफूज़ हैं उसकी
Read Moreतुम छुपा के गमें अश्क, मुस्कुराओ तो जानें। दूर जाना कमाल नही, नजदीक आओ तो जानें। इसमें क्या कमाल, किसी
Read Moreहसीनों एक ताज़ा गज़ल लिख रहा हूं। फूलो की वादियों को तेरा आंचल लिख रहा हूं। पढ़ें न पढ़ें फैसला
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