सपने
रात को सपनों में आतेकोरे पन्नों पर आकार ले जातेये शब्दकोलाहल करते हैंकोई भी विराम नहीं हैये नहीं किसी से
Read Moreफिर लिखूंगा!कहां से लाऊं?वो वक्त जबअलंकारों का आयोजन होता थामन और बुद्धि के बीच!अब तोकंपनी ने मेरा वक़्त खरीद रखा
Read Moreएक जगह होनी चाहिए जहां परआपको सुकून का अनुभव होता होजहां पर आप अपने आप से मिल सकेंजहां आपके अंदर
Read Moreधीरे-धीरे आप खुद को दूर कर लेते हैं तमाम रिश्तों सेजिनके साथ आप पले बढ़ेक्योंकि वो आपकी मजबूरी बन जाती
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