Author: डॉ. पूनम माटिया

पुस्तक समीक्षा

“क्षितिज के छोर तक” : धरा को महकाती साहित्यिक वल्लरियाँ

अकाट्य सत्य है कि साहित्य की आदि विधा छान्दस काव्य है। सर्वप्रथम छंद से ही काव्य प्रारम्भ हुआ इसलिये गीत

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समाचार

माटी का दीपक जले, संस्कृति का हो भान : अंतस् की 63वीं काव्य-गोष्ठी

सनातन संस्कृति में अधिकांश परम्पराओं का वैज्ञानिक आधार रहा है और समाज-हित में पर्व तथा दैनं-दिनं के क्रिया-कलापों की बुनावट

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समाचार

‘क़लम आज उनकी जय बोल’- अंतस् की ६२ वीं संगोष्ठी ‘दिनकर’ को समर्पित

जिन कवियों ने हिंदी कविता को छायावाद की कुहेलिका से बाहर निकाल कर उसे प्रसन्न आलोक के देश में पहुँचाया,

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समाचार

अंतस् के पाँचवे स्थापना-दिवस के उपलक्ष्य में भव्य साठवीं काव्य-गोष्ठी

कहानी, कविता, ग़ज़ल, नाटक, दोहावली, गीत, लेख, निबंध को एक सुदृढ़ धरातल प्रदान कर उसे प्रचुर समृद्धि के व्योम पर

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