बहाना होती है
आँगन की रौनक बहाना होती है, भाई के जीवन की गहना होती है। नेह के धागों पर रंग दुआओं के,
Read Moreआँगन की रौनक बहाना होती है, भाई के जीवन की गहना होती है। नेह के धागों पर रंग दुआओं के,
Read Moreमैं दुविधा में, क्या लिख दूँ, खुद में ही वह सब कुछ है, कौन सी दे दूँ मैं उपमायें, खुद
Read Moreलड़ता रहा मौत से प्रतिपल, किंचित ना भयभीत हुआ। सत्ता और विपक्ष भी जिसका, निष्ठा से मनमीत हुआ। देह त्याग
Read Moreसमय का पहिया चलेगा जब तक, अटल अटल था अटल रहेगा। छोड़ दिया देह मगर अब, जीवन दर्शन अटल रहेगा।
Read Moreवसुन्धरा पुकारती है वीर तुम कहाँ खड़े। वक्ष चीरने को धूर्त पुत्र है यहाँ खड़े।। दुष्ट वंश वेलियाँ हैं यहाँ
Read Moreगिरती है सीमा पर लाशें, …………….चैन से हम तुम सोतें हैं। भूख से व्याकुल बच्चे उस दिन, …………….सैनिक के घर
Read Moreसत्ता चरित्र है बड़ा विचित्र सत्ता चरित्र, उजले चेहरे धुंधले होते हम आम सुधी जन, लाख जतन कर सच्चाई को
Read Moreमिलनी थी पावन आजादी, कुछ लोंगों ने पाप किया, राजा बनने की चाहत में, भारत के संग घात किया। उत्सव
Read Moreसत्ता की बेचैन कहानी लिखता हूँ, जो मिटा सके इनकी शैतानी लिखता हूँ। हिन्द बाग की कलियों को जो मसल
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