जिंदगी का सफर
ज़िंदगी का सफर पिताजी ने हमेशा समझाया कि जब भी यात्रा करो, सामान की सुरक्षा के लिए उसे चैन लगाकर लाक
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Read Moreलघुकथा रिश्ता वही, सोच नई “बेटा, क्या तुम्हें हमारी बेटी पसंद है ?” लड़की के पिता रमेश जी ने पूछा।“जी
Read Moreकुत्ते से सावधान मुझे मंत्रीजी ने कहा था कि साहब लोगों से ऑफिस में अच्छे से बातचीत नहीं हो पाती
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Read Moreचंद हाइकु 1. चुप रहना कुछ मत कहना कर दिखाना। ———– 2. अकेला तू ही बदलेगा दुनिया शुरु तो कर।
Read Moreबधाई तो बनती है “अरे भई, सौवीं सालगिरह मेरी है। सेंचुरी मैंने मारी है, पर
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