उजरत में दो गुमशुदगी
लिखना शोख़ ख़यालों को करना क़ैद ग़ज़ालो को उजरत में दो गुमशुदगी मुझको ढूँढने वालों को लहरें देखती रहती हैं
Read Moreलिखना शोख़ ख़यालों को करना क़ैद ग़ज़ालो को उजरत में दो गुमशुदगी मुझको ढूँढने वालों को लहरें देखती रहती हैं
Read Moreबहुत उकता गया जब शायरी से लिपट कर रो पड़ा मैं ज़िन्दगी से अभी कुछ दूर है शमशान लेकिन बदन
Read Moreमैं भी गुम माज़ी में था दरिया भी जल्दी में था एक बला का शोरो-गुल मेरी ख़ामोशी में था भर
Read More