ग़ज़ल
मै सदा हँसती ही रहती हूँ,कि पागल हूंँ मैं। राह अब भी तेरी तकती हूंँ, कि पागल हूंँ मैं।। बोझ
Read Moreहकी़कत नहीं झूठा तकरार तेरा, मगर यार सच्चा दिखा प्यार तेरा। भला है बुरा है तुम्हीं जानते हो, है सच
Read Moreसफ़र में रहो तुम ,मुलाकात होगी, मिलोगे अगर तो बहुत बात होगी। हैं चंदा ये तारे बहारों की दुनिया, अगर
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