क्रांतिवीर प्रफुल्ल चाकी : देशभक्ति का सुवासित सुमन
दिनांक 1 मई, 1908। पटना के निकट मोकामा घाट रेलवे स्टेशन। मुजफ्फरपुर से आने वाली ट्रेन प्लेटफार्म पर रुकने ही
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Read Moreदेश में ऐसे असंख्य मौन साधक हुए हैं जो नाम-यश की आकांक्षा से दूर मां भारती की सेवा साधना में
Read Moreराष्ट्रीय ध्वज किसी राष्ट्र एवं देश के गौरव, गरिमा एवं गर्व का हेतु होता है। राष्ट्र-ध्वज राष्ट्रीय स्वाभिमान, शौर्य-पराक्रम एवं
Read Moreसाहित्य वही समृद्ध होता है जो समाज की समस्याओं और विसंगतियों को आवाज दे सके और एक साहित्यकार तभी सफल
Read Moreदेश के स्वाधीनता संघर्ष में योगदान देने वाले के बहुश्रुत क्रांतिकारियों के साथ ही गुमनाम नायकों के देशप्रेम, त्याग और
Read Moreकोरोना संकट के कारणों एवं संक्रमण की रोकथाम के उपायों पर कुछ पुस्तकें आई हैं। पर मानव की सोच, मनोविज्ञान
Read Moreआज दुनिया विभीषिका, विध्वंस एवं विनाश की ओर बढ़ रही। मानवता, संवेदनशीलता, मानवीय मूल्य एवं आदर्श सामाजिक सद्भाव एवं समरसता
Read Moreसागर निर्झर सर नदी, धरती सुंदर रूप। रखें धरा को नम सदा, झील बावली कूप।। धरती पर उगते रहे ,
Read Moreहोला महके खेत में, सोंधी लगे मिठास। छाछ दही सह पीजिए, गन्ने का रस खास।। होला भुनता मेंड़ पर, महक
Read Moreफागुन में हैं गुण भरे, लगे गुलाबी धूप। सघन शीत में था बुझा, सुंदर निखरा रूप।। जमे दिवस घुलने लगे,
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