शिक्षा के पथ पर बढ़ते हुए खुशियों के पड़ाव
शिक्षक अपने शिक्षकीय जीवन में दो स्थितियों से साथ-साथ गुजरता है – सीखना और सिखाना। पर यह उस शिक्षक के
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Read Moreफ्रांसीसी भौतिक विज्ञानी ज़ीन बर्नाड लियोन फौकॉल्ट ने 8 जनवरी, 1851 को अपने उपकरण एक खास प्रकार के पेंडुलम के
Read Moreअतर्रा (बांदा)। गिजुभाई बधेका के शैक्षिक दर्शन के साथ विद्यालयों को आनंदघर बनाने के लिए सतत प्रयत्नशील शैक्षिक संवाद मंच
Read Moreप्रकृति में करोड़ों जीव–जंतु, पेड़–पौधे मौजूद हैं, जिन्हें प्रकृति पूरी शिद्दत से पुष्पित–पल्लवित करती रहती है। एक साथ सभी जीव–जंतुओं
Read More1 मई, 1908 का प्रात:काल। उस दिन सूरज कुछ जल्दी ही उगा आया था। पक्षियों ने अपने घोंसले छोड़ दाना-पानी
Read Moreअतर्रा (बांदा) जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार एवं प्रधानाध्यापक प्रमोद दीक्षित मलय को 5 सितम्बर को दतिया में संस्था हिंदी महोत्सव
Read Moreदिनांक 1 मई, 1908। पटना के निकट मोकामा घाट रेलवे स्टेशन। मुजफ्फरपुर से आने वाली ट्रेन प्लेटफार्म पर रुकने ही
Read Moreदेश में ऐसे असंख्य मौन साधक हुए हैं जो नाम-यश की आकांक्षा से दूर मां भारती की सेवा साधना में
Read Moreराष्ट्रीय ध्वज किसी राष्ट्र एवं देश के गौरव, गरिमा एवं गर्व का हेतु होता है। राष्ट्र-ध्वज राष्ट्रीय स्वाभिमान, शौर्य-पराक्रम एवं
Read Moreसाहित्य वही समृद्ध होता है जो समाज की समस्याओं और विसंगतियों को आवाज दे सके और एक साहित्यकार तभी सफल
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