गीतिका/ग़ज़ल प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' 25/02/201625/02/2016 ग़ज़ल प्यास मिटती रहे तुम रहो रू-ब-रू। और दिल की नहीं एक भी आरजू। तू समन्दर नहीं तो बता और क्या? Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' 21/01/201621/01/2016 ग़ज़ल इत्र से ज़िस्म हो तर रहा है। इश्क़ ऐसा असर कर रहा है। प्यार करके उसे क्या पता है, वो Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' 10/01/201610/01/2016 ग़ज़ल अक़्स मेरा वहाँ से मिटा दीजिये। साफ पानी ज़रा सा हिला दीजिये। ग़र ज़रा बात पर दुश्मनी हो गई, प्यार Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' 09/01/201609/01/2016 यहाँ ये आम आदत है पराये हो गए बेशक़ मग़र दिल में मुहब्बत है। चले आओ खयालों में तुम्हें हर पल इज़ाज़त है। हुआ है Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' 30/12/201531/12/2015 ग़ज़ल बेटियों को मुझे पढ़ाने दो। और दीपक मुझे जलाने दो। बाग में कम न हो कहीं खुश्बू, कुछ और फूल Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' 11/12/201510/12/2015 ग़ज़ल बदल जाये अगर मौसम बदलना भी ज़रूरी है। समय के वार से बच कर निकलना भी ज़रूरी है। बहकते हैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' 10/12/2015 ग़ज़ल कभी गुज़रे हुए दुःख दर्द को तुम याद मत करना। ख़ुशी के वक़्त को भी बेवज़ह बर्बाद मत करना। मुसलमां Read More