कविता प्रीती श्रीवास्तव 15/12/202415/12/2024 0 Comments माँ माँ! चेहरे के भाव पहचानती है।मांँ! कौन कितना खाएगा जानती है।माँ! मुस्कुरा सकती है दर्द में भी।माँ! वक्त आने पर Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 12/12/202412/12/2024 0 Comments ग़ज़ल खत पढ़ने से पहले जला उसने दियादिल लुटने से पहले सजा उसने दिया समझी नहीं उसने कभी चाहत मेरीबारिश के Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 24/11/202424/11/2024 ग़ज़ल मदहोश शाम है खुद को संभलने दो।हाथ में जाम है दिल को मचलने दो।। आ जाओ जरा महफिल में तुम Read More
कविता प्रीती श्रीवास्तव 23/10/202423/10/2024 कविता लहरों जैसा है ये जीवन,उतार चढ़ाव में जीता जन जन,दुःख सुख इसकी है काया,धूप छांव सब कुछ है माया,रूप है Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 21/10/202421/10/2024 जाने कहाँ शर्मोहया सब खो गई जाने कहाँ।गुम हो गई परदानशीं जाने कहाँ।।दुल्हन भी अब आती नही घूंघट निकाल।चूनर सरक कर खो Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 25/09/202425/09/2024 ग़ज़ल मुद्दतों बाद फिर इक ग़ज़ल गाओ तुम।चाँदनी रात है पास तो आओ तुम।। चाँद तारों ने महफ़िल सजाई यहाँ।मेरे खातिर Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 18/09/202418/09/2024 ग़ज़ल वक्त बेवक्त तू याद आये तो मैं क्या करूं।दिल कोई और बहला न पाये तो मैं क्या करूं।। याद करता Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 01/09/202401/09/2024 याद आने पर फिर हुआ परेशां दिल तेरी याद आने पर।फिर हुई जवां धड़कन तेरी याद आने पर।। लिखते-लिखते खत ऑंखें भी भरी Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 11/08/202411/08/2024 ग़ज़ल जैसे शम्मा लगे क़मर तुमको।मैंने चाहा है इस क़दर तुमको।। होंठ तेरे गुलाब ऑंखें कमल।याद करता हूं हर पहर तुमको।। Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 08/08/202408/08/2024 ग़ज़ल दिल में अपना ग़म छुपाना सीख लोदर्द में भी मुस्कुराना सीख लो यूं तो दिल में रहतें हैं अपने बहुतदिल Read More