पल पल मरती ज़िन्दगी
ज़िन्दगी होती इबारत, एक तख्ती पे लिखी जो मिटा के एक बार फिर सलीके से लिख लेती तुझको जो देख
Read Moreज़िन्दगी होती इबारत, एक तख्ती पे लिखी जो मिटा के एक बार फिर सलीके से लिख लेती तुझको जो देख
Read Moreकल रात गीली हो गयीं थीं, तुम्हारी यादें आँख से गिरते पानी से, सुबह अलगनी पर सुखाने डालीं थी, भाप
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