याद पिता की
होती थी मेरी,दिन की शुरुआत,पापा आपसे।। एक आवाज,कानों में पड़ते ही,देती दस्तक।। नयन नीर,लुढ़कते रहते,देखूँ तस्वीर।। रहते साथ,जीवन हर क्षण,पकड़े
Read Moreहोती थी मेरी,दिन की शुरुआत,पापा आपसे।। एक आवाज,कानों में पड़ते ही,देती दस्तक।। नयन नीर,लुढ़कते रहते,देखूँ तस्वीर।। रहते साथ,जीवन हर क्षण,पकड़े
Read Moreहाथी भालू चीता बंदर।बैट बॉल लेकर आए।।हिरण लोमड़ी बारी–बारी।दोनों तब टीम बनाए ।। सूंड उठाकर बॉल उछाले।खुश हो कर दादा
Read Moreआज अध्यापक कक्षा में कदम रखते ही बच्चों से बोले – ” बच्चो ! आज सभी अपने–अपने पिता जी को
Read Moreसूखी पड़ी है बंजर धरती।दाने–दाने के लाले पड़ गए।।गाँव बिका, जमीन बिकी,जाने लोग,किसके पाले पड़ गए।। उन मेहनतकश मजदूरों ने,एक–एक
Read Moreघड़ा बना हूँ मैं मिट्टी का, आता सबके काम। जैसे गर्मी बढ़ती जाती, सभी
Read Moreखेतों से मृदा उठाते, रौंद–रौंद वे मिलाते हैं अपनी हथेलियों से, चाक में बिठाते हैं। वृत्ताकार घूम घूम,पहिए में झूम
Read Moreजीवन की बस यही कहानी। रंक बनें या राजा रानी।। रोम-रोम हो जाय प्रफुल्लित। अगले क्षण भ्रम करता विस्मित।। कभी
Read Moreशादी फिक्स होते ही लोगों का सबसे पहला सवाल– “प्री वेडिंग हो गई?” हो गई तो अच्छी बात है नहीं
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