स्वर की देवी
स्वर की देवी कोकिला, मीठी सी आवाज। सात सुरों के ताल से, पहनी सुर का ताज।। पहनी सुर का, ताज
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Read Moreदेखो आँगन आ गयी, प्यारी-प्यारी धूप। सुंदर इसकी है किरण, लगती बड़ी अनूप।। ठंडी जब बढ़ने लगे, करे धूप से
Read Moreपूरे भारत देश में, आया है त्यौहार। मिलकर सारे बाँटते, आपस में सब प्यार।। आपस में सब, प्यार बाँट कर,
Read More(गीतिका छंद) लाल नीले बैगनी सब, आज मन को भा गये। पुष्प सुंदर लग रहे हैं, बाग में सब छा
Read Moreध्यान मग्न रहते सदा, पर्वत करते वास। बाबा भोले नाथ जी, पूरा करते आस।। कांँवर पकड़े हाथ में, जाते हैं
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