ऋतु बसंत आने को है
देखो मन झूमे, ऋतु बसंत आने को है आमों पे बौर, खेतों में सरसों छाने को है मन झूमे तरंगिनी
Read Moreदेखो मन झूमे, ऋतु बसंत आने को है आमों पे बौर, खेतों में सरसों छाने को है मन झूमे तरंगिनी
Read Moreबीत चला यह वर्ष देकर अपने रंग कुछ गहरे कुछ हल्के कई यादों के संग कुछ खट्टे कुछ मीठे पल
Read Moreकैसे भला तुमको मैं ये बताऊं मैं कैसे हुई इतनी तुम बिन अधूरी है यूँ तो खुशी ज़िन्दगी में जहां
Read Moreपापा जो आप होते आज तो ऐसी तो ना होती मैं दिन बीते और रात ढले फिर ऐसे तो ना
Read Moreमन इंद्रधनुषी रंगों में खोने लगा सब जाग रहे हैं मन सोने लगा ये बातें क्यों मन गुदगुदाने लगीं ये
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